मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना जारी की है। योजना के अंतर्गत महिला आवेदकों को पंजीकरण करवाना जरुरी होगा। उसके बाद में संपूर्ण जांच पड़ताल करने के उपरांत महिलाओं के खाते में प्रति माह 1000 रुपये हस्तांतरित किए जाएंगे। महिलाओं को यह धनराशि 10 जून के उपरांत मिलनी चालू हो जाएगी।
पंजीकरण की अंतिम तिथि क्या है
लाडली योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन की तिथि 30 अप्रैल तक निर्धारित की गई है। आवेदकों की जांच कर उनका निराकरण 15 से 30 मई तक किया जाएगा। राज्य सरकार के अधिकारी योजना से जुड़ी समस्त जानकारी पोर्टल पर 31 मई तक प्रेषित कर दी जाएगी।
कितनी वर्षीय महिलाऐं इस योजना का फायदा उठा सकती हैं
जानकारी के लिए बतादें कि इस योजना का फायदा सिर्फ 23 से 60 साल तक की महिलाओं को प्राप्त हो पाएगा। परंतु, इस बात पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित रखना है, कि परिवार आयकर दाता नही होना चाहिए। साथ ही, उसके घर में चार पहिया वाहन भी नही होना चाहिए इसके अतिरिक्त बाकी नियमों का भी ध्यान रखा जाएगा।
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योजना का फायदा लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
दस्तावेजों के लिए कुछ डॉक्यूमेंट भी अत्यंत जरुरी कर दिए गए हैं। इसके अंतर्गत पासबुक की फोटोकॉपी, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड की कॉपी एवं एक फोटो की भी आवश्यकता होगी। किसान राज्य सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने आप से भी अपलोड कर सकते हैं। कॉमन सर्विस सेंटर में भी पंजीकरण करवाया जा सकता है।
इन यंत्रों की खरीद पर कितने प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा
मध्य प्रदेश सरकार ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत कृषि ऊपकरणों एवं मशीनों की खरीद पर 30 से 50 प्रतिशत तक अनुदान मुहैय्या करा रही है। इससे कृषकों को श्रू मास्टर, मल्चर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, सुपर सीडर, क्रॉप रीपर, हैप्पी सीडर और जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर की खरीद करने पर 40 से 60 हजार रुपये का अनुदान मुहैय्या करा रही है। साथ ही, मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से अनुदान की घोषणा करने पर किसानों के मध्य प्रशन्नता की लहर है। किसान भाइयों को यह उम्मीद जताई है, कि इन यंत्रों की सहायता से खेती करने पर अच्छी उपज मिल सकेगी।
जितने भी विकसित देश हैं सब मशीनों के सहयोग से खेती करते हैं
आज की तारीख में जितने भी विकसित देश हैं, वहां यंत्रों एवं मशीनों की सहायता से खेती-किसानी की जा रही है। रूस, अमेरिका और कनाड़ा समेत बहुत सारे विकसित देशों में किसान अकेले ही यंत्र की सहायता से सैंकड़ों एकड़ में उत्पादन कर रहे हैं। अगर भारत में समस्त किसानों के पास कृषि यंत्र की उपलब्धता हो जाए, तब यहां के कृषक भी पश्चिमी देशों के किसानों की भाँति बेहतरीन ढंग से खेती कर सकेंगे। बतादें, कि मध्य प्रदेश के अतिरिक्त दूसरे प्रदेश भी कृषि यंत्रों की खरीद पर वक्त-वक्त पर अनुदान मुहैय्या करा देते हैं।
साथ ही, विगत फरवरी माह में पंजाब सरकार द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद करने पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की घोषणा की थी। जनरल कैटेगरी में आने वाले किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान धनराशि प्रदान की जा रही थी। साथ ही, बाकी श्रेणी के कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान था।
भारत सरकार गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगी
मीडिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक मामले से परिचित लोगों के अनुसार, सरकार समस्त नॉन-बासमती चावल के निर्यात पर रोकथाम लगाने की योजना पर विचार विमर्श कर रही है। मीडिया को मिले सूत्रों के अनुसार, सरकार विधानसभा चुनाव और उसके उपरांत आम चुनावों से पूर्व भारत में महंगाई के जोखिम से बचना चाहती है। सरकार इस कारण से चावल की नॉन बासमती वैरायटी पर प्रतिबंध लगाने के विषय में सोच रही है।
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भारत सरकार ने चावल की एमएसपी में 7% प्रतिशत की वृद्धि की थी
विशेष बात तो यह है, कि विश्व के कुल निर्यात का 40 प्रतिशत भाग भारत के पास है। साथ ही, भारत विश्व के अंदर सबसे सस्ता चावल भी निर्यात करता है। ऐसे में भारत यदि सस्ते चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है, तो दुनिया में चावलों के दाम में और भी इजाफा देखने को मिल सकता है। वहीं, दूसरी तरफ भारतीय चावल के निर्यात की कीमत में 9 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल चुकी है। विगत महीने ही सरकार ने चावल के एमएसपी में 7 % प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी।
भारत में इस बार धान की बुवाई 26 प्रतिशत कम हुई है
गर्मियों में मानसून के आरंभ में बारिश कम होने की वजह से संपूर्ण भारत में बुवाई कम देखने को मिली है। विगत हफ्ते के आंकड़ों पर प्रकाश डालें तो समर में बोये जाने वाला चावल विगत वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत कम है। इसकी वजह अलनीनो को ठहराया जा रहा है, जिसका प्रभाव सिर्फ भारत पर ही देखने को नहीं मिल रहा बल्कि थाईलैंड में भी देखने को मिल रहा है। जहां पर सामान्य से 26 प्रतिशत कम बरसात होने की वजह एक ही फसल उगाने को कहा गया है।